राजस्थान की राजधानी सें 238 किलोमीटर की दूरी पर राजस्थान का एक जिला नागौर(Nagaur) है। नागौर की संस्कृति(culture of nagaur) और उसकी मारवाड़ी भाषा ने देश में अपनी एक अलग पहचान कायम की। यह जिला राजस्थान के प्रमुख आकर्षणों में से एक है। वैसे तो यहां की बोली मारवाड़ी है किन्तु मारवाड़ी का एक नया रूप नागौर की बोली में है जो इसे दुसरे जिलों सें भिन्न बनाता है। नागौर का संभागीय क्षेत्र अजेमर है और भौगोलिक दृष्टि से राजस्थान के पश्चिमी मरूस्थल के लुनी बेसिन क्षैत्र के अन्तर्गत आता है।
नागौर का इतिहास
नागौर का इतिहास मुख्य तौर पर तीन भागों में विभाजित किया गया है। प्राचीन, मध्य एवं आधुनिक नागौर यह वर्गीकरण अध्ययन की सुगमता के लिए किया गया है।
प्राचीन नागौर
नागौर का सबसे पहला उल्लेख महाभारत काल से आता है ऐसा कहा जाता है कि पांडवों और कौरवों के गुरु द्रोणाचार्य जी का गुरूकल नागौर में स्थित था जहां वह अपने शिष्य को धनुर्विद्या और अन्य शस्त्र विद्यो को सीखते थे लेकिन इसके कोई स्पष्ट स्पष्ट साक्ष्य नहीं है। नागौर में एक प्राचीन ताम्रकालीन सभ्यता कुरड़ा के अवशेष मिले हैं यह सभ्यता नागौर की परबतसर तहसील के आस-पास तक थी। जागंल प्रदेश की भी राजधानी अहिछत्रपुर(नागौर का पुराना नाम) थी।
मध्यकालीन नागौर
मध्यकाल में नागौर का इतिहास और सुस्पष्ट रूप में मिलता है राठौड़ वंश के राजा मालदेव ने नागौर को मारवाड़ में मिलाया था तब से लेकर स्वतंत्रता तक नागौर मारवाड़ का अभिन्न हिस्सा रहा है लेकिन बीच-बीच में यह राठौड़ वंश के हाथ से निकलकर दुसरी शक्तियों के हाथों में चला जाता था लेकिन कुछ समय बाद यह फिर से मारवाड़ का हिस्सा बन जाता था नागौर के सबसे अधिक वीर शासक अमरसिंह थें अमरसिंह को मारवाड़ की राजगद्दी के लिए हो रहे आन्तरिक षड्यंत्रो के कारण उनके पिता गजसिंह द्वारा मारवाड़ से निष्कासित कर दिया गये मारवाड़ से निकाले जाने के बाद यह मुगलो के पास चले गयें और मुगल सम्राट शाहजहां ने इनको काफी मान-सम्मान दिया और नागौर की सूबेदारी सौंपी। सम्राट का भाई सलावत खान सें इनकी निजी दुश्मनी थी और इसी कारण सलावत खान द्वारा अमरसिंह द्वारा देरी से आने पर उनका अपमान कर दिया गया इससे नाराज अमरसिंह ने दरबार में ही क्रोध में आकर सलावत की हत्या कर दी और सम्राट शाहजहां को भी मारने की कोशिश की लेकिन शाहजहां बच गया तब अमर सिंह ने मुगल सैनिकों से बचने के लिए घोड़े सहित आगारा के किले सें छलांग लगा दी और सुरक्षित बच के निकल गये लेकिन लाल सिंह(अमरसिंह का साला) ने विश्वासघात करके ईमान के लालच में अमरसिंह की हत्या करवा दी।
आधुनिक नागौर
सन 1818 ईस्वी में मारवाड़ शासक मानसिंह ने इस्ट इंडिया कम्पनी के साथ संधि कर ली तब नागौर मारवाड़ में शामिल था उसके बाद नागौर के किसानों पर कर बढ़ने लगे जो 1930 ईस्वी तक अपनी चरम समय पर पहुंच गये और शुरुआत होती है नागौर के सबसे काले अध्याय राजपूत-जाट वैमनस्य की इसके बाद नागौर के लोगो ने स्वतंत्रता की लड़ाई में भी भाग लिया और प्रजामण्डलों आन्दोलनो ने यहां पर गति पकड़ ली देश सन 1947 ईस्वी में आजाद हो गया तब मारवाड़ शासक हूणतसिंह ने पाकिस्तान में मिलने की कोशिश की लेकिन सरदार पटेल और वी.पी मेंनन ने इस कोशिश को नाकामयाब कर दिया और मारवाड़ के साथ नागौर भी भारत मे शामिल हो गया। पंडित जवाहरलाल नेहरू ने पंचायत राज व्यवस्था की शुरुआत नागौर से की थी और उसके बाद मारवाड़ के राजनीति में मिर्धा काफी प्रभावशाली थे लेकिन कालांतर में उनका प्रभाव लगभग समाप्त हो गया।
नागौर की जनसंख्या
नागौर की जनसंख्या वर्ष 2011 के जनगणना के अनुसार 3,307,743 है जिसमें से पुरूष जनसंख्या 1,696,325 एवं महिला जनसंख्या 1,611,418 हैं और लिंगानुपात 950 हैं जो कि काफी अच्छा नहीं है नागौर राजस्थान का जनसंख्या के दृष्टि से 4th सबसे बड़ा जिला है।
साक्षरता
नागौर की साक्षरता दर 62.80 हैं और पुरुष साक्षरता 77.17% है और महिला साक्षरता दर 47.82% साक्षरता दर में महिलाओं की स्थिति काफी चिंताजनक है जिस पर काम करने की आवश्यकता है।
घनत्व और जनसंख्या वद्धि दर
नागौर का जनसंख्या घनत्व 187 व्यक्ति प्रति वर्ग किलोमीटर है और 2001 ईस्वी 2011 ईस्वी तक की जनसंख्या वृद्धि दर 19.20% हैं। इस वृद्धि दर के प्रमुख कारण अच्छी स्वास्थ्य सेवाएं और कृषि उत्पादन है।
धार्मिक जनसंख्या
नागौर में हिन्दू धर्म की जनसंख्या 2,833,443 है जो कुल आबादी का 85.66% है और यह सबसे ज्यादा लोकप्रिय धर्म है। नागौर की मुस्लिम जनसंख्या 454,487 है जो कुल जनसंख्या का 13.74% है और मुस्लिम धर्म नागौर का दूसरे सबसे ज्यादा अनुसरण किया जाना वाला धर्म है। जैन धर्म नागौर का तीसरा सबसे बड़ा धर्म है जिसकी आबादी 12,940 है जो कुल आबादी का 0.39% है। इसके अलावा ईसाई धर्म 0.06%(1,912) बोद्ध 0.00% और सिख 0.01% एवं 0.13% लोगों ने अपने धर्म की घोषणा नहीं की 0.01% लोग किस भी धर्म को नहीं मानते हैं।
शहरी/ग्रामीण
नागौर की शहरी आबादी कुल आबादी की 19.26% है और ग्रामीण जनसंख्या ग्रामीण लिंगानुपात 951 शहर का लिंगानुपात 945 है।